
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। कौशिक एनक्लेव ऑस्कर स्कूल के पास 5 मंजिला अंडर-कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग अचानक भरभराकर गिर गई। इस हादसे में एक 8 साल की बच्ची सहित 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। राहत और बचाव कार्य अभी जारी है, लेकिन आशंका है कि मलबे में अब भी 8 लोग दबे हो सकते हैं।
कैसे हुआ यह हादसा?
जानकारी के अनुसार, यह इमारत पिछले एक साल से बन रही थी और इसमें फिनिशिंग का काम चल रहा था। इस दौरान मजदूर और उनके परिवार के लोग इमारत के पास खाली जगह में बने किराए के कमरों में रह रहे थे। अचानक इमारत गिरने से पूरा मलबा उन्हीं कमरों के ऊपर जा गिरा।
घटना के समय मजदूर अपने कमरों में मौजूद थे। तेज आवाज के साथ इमारत गिरने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। इसके बाद राहत और बचाव दल को सूचित किया गया।
मौके पर राहत और बचाव कार्य

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। एनडीआरएफ की टीम भी तुरंत राहत और बचाव कार्य में जुट गई। अब तक 12 लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। हालांकि, मलबे में फंसे 8 अन्य लोगों की स्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। बचाव कार्य के दौरान इमारत के ढहने से पैदा हुए मलबे को हटाने के लिए भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मृतकों और घायलों की स्थिति
हादसे में मरने वालों में एक 8 साल की बच्ची और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं। 12 घायल लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा हादसा हो सकता है। हादसे के बाद इलाके में मातम का माहौल है।
इमारत गिरने का कारण क्या था?
अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि इमारत का निर्माण कार्य पिछले एक साल से चल रहा था। विशेषज्ञों का मानना है कि निम्न गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री और ठेकेदार की लापरवाही इस हादसे का मुख्य कारण हो सकती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इमारत में पहले से ही दरारें दिख रही थीं, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। प्रशासन और निर्माण एजेंसी के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं।
क्या कहता है प्रशासन?
दिल्ली प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मलबा हटाने का कार्य तेजी से जारी है, और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
स्थानीय निवासियों का दर्द
घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने प्रशासन और ठेकेदार पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का बिल्कुल पालन नहीं किया गया। इमारत के गिरने से आसपास के घरों में भी दरारें आ गई हैं, जिससे लोग दहशत में हैं।
बुराड़ी में हुए इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है।
अब जरूरत है कि सरकार और प्रशासन इस घटना से सबक लें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। मलबे में दबे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने की उम्मीद के साथ पूरा देश प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है।