उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट “जिला गौसदन मधवलिया” को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग इन दिनों बदहाली का शिकार है। महराजगंज जनपद के सिसवा विधानसभा क्षेत्र के ओड़वलिया से मधवलिया तक जाने वाली यह सड़क बुरी तरह जलजमाव की चपेट में है। सड़क पर चारों ओर गंदा पानी जमा है, कीचड़ और बदबू ने आमजन का जीना मुहाल कर दिया है।
यह सड़क केवल गांव को जिला गौसदन से जोड़ती ही नहीं, बल्कि यह दो महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों – सिसवा और नौतनवा – को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। प्रतिदिन हजारों लोग इस रास्ते से गुजरते हैं, जिनमें स्कूली बच्चे, मरीज, बुजुर्ग, दुकानदार और कर्मचारी शामिल हैं। लेकिन इन दिनों यह मार्ग किसी नाले जैसा दिख रहा है।
दुर्गंध और जलजमाव: स्वास्थ्य संकट की घंटी
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है, वर्षों से इस मार्ग पर जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। बिना बारिश के भी सड़क पर महीनों तक गंदा पानी जमा रहता है। बरसात में हालात और भी भयावह हो जाते हैं। इस गंदे पानी के जमाव से मलेरिया, डेंगू, स्किन इंफेक्शन जैसी बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
स्थानीय दुकानदारों ने कहा कि इस जलजमाव से उनका व्यापार ठप हो गया है। ग्राहक सड़कों पर भरे गंदे पानी के कारण दुकानों तक नहीं पहुंचते, जिससे रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है।
अधिकारियों की आंखों के सामने से गुजरता है बदहाल रास्ता
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इसी सड़क से जिले के तमाम उच्च अधिकारी, मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अमला नियमित रूप से गुजरते हैं। “जिला गौसदन मधवलिया” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है और उसकी निगरानी के लिए अक्सर अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन अफसोस कि इस रास्ते की दुर्दशा पर किसी की नजर नहीं पड़ रही।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा: सड़कों पर उतरकर किया विरोध
इस बदहाली के खिलाफ ग्रामीणों ने अब आवाज उठानी शुरू कर दी है। ओड़वलिया गांव के पास स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। गंदे पानी में खड़े होकर नारेबाजी की और प्रशासन के प्रति गहरा रोष जताया।
जवाबदेही से भागता प्रशासन
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया किसी ने जलनिकासी की योजना पर काम नहीं किया। नतीजा ये है कि यह सड़क अब नरक बन चुका है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे जिले भर में आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि यह केवल एक सड़क की समस्या नहीं, बल्कि पूरी जनस्वास्थ्य और जनजीवन की समस्या है।
क्या योगी सरकार लेगी संज्ञान?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं के लिए जाने जाते हैं। लेकिन अगर उन्हीं के ड्रीम प्रोजेक्ट तक जाने वाला रास्ता ही नारकीय हालात में है, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि स्थानीय प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से क्यों मुंह मोड़ रहा है?
अब देखना यह होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की चेतावनी को गंभीरता से लेता है या फिर यह सड़क यूं ही गंदे पानी में डूबी रहेगी और जनता की आवाज अनसुनी होती रहेगी।
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