
उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आज महराजगंज जिले के वीर बहादुर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, बसडीला, विधानसभा पनियरा में 250 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ। इस भव्य आयोजन ने समाज में समानता, सहयोग और भाईचारे का संदेश दिया। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने विशेष रूप से इस कार्यक्रम में भाग लिया और नवविवाहित जोड़ों को सुखमय दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्रदान किया।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सहयोग प्रदान करते हुए विवाह जैसी बड़ी जिम्मेदारी को आसान बनाना है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज में समरसता और सामूहिकता की भावना को भी प्रोत्साहित करती है।
कार्यक्रम का भव्य आयोजन

कार्यक्रम स्थल वीर बहादुर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय को भव्यता से सजाया गया था। विवाह के लिए सभी धर्मों और समुदायों के जोड़े एकत्रित हुए थे, जो सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक था।
विवाह समारोह के लिए पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ आधुनिक व्यवस्थाओं का भी ध्यान रखा गया। पंडित, मौलवी और अन्य धार्मिक विद्वानों ने विभिन्न धर्मों के जोड़ों का विधिवत विवाह संपन्न कराया। समारोह में हजारों लोग उपस्थित थे, जिनमें नवविवाहित जोड़ों के परिवारजन, स्थानीय जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: उद्देश्य और लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि विवाह जैसी जिम्मेदारी उनके लिए बोझ न बने।
इस योजना के तहत:
- प्रत्येक जोड़े को आर्थिक सहायता: विवाह के लिए प्रत्येक जोड़े को ₹35,000 की आर्थिक मदद दी जाती है।
- उपहार और सामग्री: नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थ जीवन शुरू करने के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे बर्तन, कपड़े, और अन्य सामग्री प्रदान की जाती हैं।
- सामूहिक आयोजन: सभी जोड़ों के लिए भोजन, आवास और परिवाहन जैसी सुविधाओं की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है।
इस कार्यक्रम के तहत न केवल विवाह का आयोजन होता है, बल्कि इससे जुड़े अन्य खर्चों को भी सरकार उठाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का संदेश

इस समारोह में उपस्थित होकर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब परिवारों के लिए एक वरदान है। यह योजना समाज में सामूहिकता और समरसता का संदेश देती है। सरकार की यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी परिवार को आर्थिक परेशानियों के कारण अपने बच्चों के विवाह में कठिनाई न हो।”
उन्होंने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना महिलाओं के सम्मान और समाज में समानता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
समाज में सामाजिक समरसता का संदेश
कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों और समुदायों के जोड़ों ने भाग लिया। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदायों के जोड़ों का विवाह उनके रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल एक विवाह समारोह था, बल्कि समाज में सामूहिकता और एकता का उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
यह आयोजन यह दिखाता है कि समाज में विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच एकता कितनी महत्वपूर्ण है। सभी जोड़ों और उनके परिवारों ने इस पहल की सराहना की और इसे सरकार का एक क्रांतिकारी कदम बताया।
नवविवाहित जोड़ों की खुशी

सामूहिक विवाह में भाग लेने वाले नवदंपतियों के चेहरे पर खुशी और संतोष साफ झलक रहा था। उनका कहना था कि यह योजना उनके लिए बहुत मददगार साबित हुई। विवाह का आयोजन न केवल भव्य था, बल्कि इससे उनका भविष्य सुरक्षित और सम्मानजनक महसूस हुआ।
एक नवविवाहित जोड़े ने कहा, “हमारे लिए यह एक सपना सच होने जैसा है। सरकार ने हमारे लिए जो कुछ किया है, उसके लिए हम बहुत आभारी हैं। यह दिन हमारे जीवन का सबसे खास दिन बन गया है।”
सामूहिक विवाह: समाज के लिए एक प्रेरणा

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि सरकार केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि गरीब और वंचित वर्गों को समाज में सम्मान दिलाने का कार्य भी करती है।
सामूहिक विवाह जैसे कार्यक्रमों से समाज में फैली असमानताओं को दूर करने और महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलती है। इस प्रकार के आयोजन समाज में समानता और एकजुटता का वातावरण बनाता हैं।
निष्कर्ष
वीर बहादुर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, बसडीला में आयोजित यह सामूहिक विवाह समारोह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की सफलता का प्रतीक है। इसने 250 जोड़ों के जीवन में खुशी और आशा का संचार किया है।
सरकार की यह पहल समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाते हुए सामूहिकता और समानता का संदेश देती है। ऐसे आयोजनों से यह सिद्ध होता है कि जब समाज और सरकार साथ मिलकर काम करते हैं, तो न केवल व्यक्तियों का बल्कि पूरे समुदाय का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है।