गोरखपुर: पिपराइच में छात्र की हत्या से भड़के ग्रामीण, पथराव और आगजनी, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

गोरखपुर जनपद के पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूषण महुआ चापी गांव में बीती रात हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। पशु तस्करी की घटना से जुड़ा यह मामला तब तूल पकड़ गया जब एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस और ग्रामीणों के बीच धक्का-मुक्की और पथराव हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

घटना का विवरण

जानकारी के अनुसार, देर रात करीब 3 बजे पशु तस्कर दो गाड़ियों से गांव में पहुंचे। इनमें से एक गाड़ी कीचड़ में फंस गई। इस बीच तस्कर मौका पाकर भाग निकले। दूसरी गाड़ी का पीछा गांव के एक युवक ने किया। बताया जा रहा है कि पीछा करने के दौरान युवक पर हमला किया गया और गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई।

गांव में छात्र की मौत की खबर फैलते ही माहौल तनावपूर्ण हो गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना को लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस की लापरवाही और पशु तस्करों पर ढीली कार्रवाई के चलते यह घटना हुई है। गुस्साए लोगों ने विरोध करते हुए पिकअप वाहन को आग के हवाले कर दिया और सड़क पर जाम लगा दिया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और पीएसी की टीम पहुंच गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ आक्रोशित रही। स्थिति को नियंत्रित करने के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच धक्का-मुक्की और पथराव की नौबत आ गई। इस पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए।

गोरखपुर एसएसपी राज करण नैय्यर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में गोली लगने की बात सामने नहीं आई है। प्रथम दृष्टया छात्र के सिर पर चोट लगने से मौत हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मामले में सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
एसएसपी ने आगे कहा कि घटना में शामिल पशु तस्करों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि एक पशु तस्कर ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया था, जिसे चोटें आई हैं और उसका इलाज कराया जा रहा है।

ग्रामीणों का आक्रोश

गांव के लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में लंबे समय से पशु तस्करी का धंधा चल रहा है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस ने सख्ती बरती होती तो इस घटना को रोका जा सकता था। छात्र की मौत ने पूरे गांव को आक्रोशित कर दिया है।
सड़क जाम के कारण कई घंटों तक यातायात प्रभावित रहा। मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर भीड़ को शांत कराया। हालांकि गांव में अभी भी तनाव का माहौल बना हुआ है।

पशु तस्करी की समस्या

गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में पशु तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। भारत-नेपाल सीमा के पास होने के कारण यह क्षेत्र तस्करों के लिए सुरक्षित माना जाता है। स्थानीय लोग बार-बार शिकायत करते हैं कि पशु तस्करी के कारण गांवों में विवाद और अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं।
यह घटना एक बार फिर इस बात की गवाही देती है कि जब तक पशु तस्करी पर सख्ती से अंकुश नहीं लगाया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। प्रशासन और पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है कि कैसे ऐसे नेटवर्क को तोड़ा जाए और ग्रामीणों का भरोसा वापस जीता जाए।

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