कुशीनगर जनपद के रामकोला थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंगहां रेगुलेटर के पास सोमवार की शाम एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। बताया जा रहा है कि एक बोलेरो कार तेज रफ्तार में आ रही थी। अचानक चालक का वाहन पर से नियंत्रण हट गया और गाड़ी सीधे सड़क किनारे स्थित पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बोलेरो उछलते हुए पास ही बह रही बड़ी गंडक नहर में जा गिरी।
कार में उस समय चालक के साथ एक युवक भी सवार था। गनीमत रही कि दोनों ने हिम्मत दिखाते हुए तुरंत खिड़की तोड़ी और तैरकर बाहर निकल आए। यदि थोड़ी भी देर हो जाती, तो यह हादसा बड़ी जानलेवा त्रासदी में बदल सकता था।
ग्रामीणों की सतर्कता और पुलिस की सक्रियता
जैसे ही कार के नहर में गिरने की सूचना ग्रामीणों को मिली, आसपास मौजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी। रामकोला थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया।
हादसे के बाद बोलेरो कार नहर की गहराई में फंस गई, जिसे बाहर निकालना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया।
दूसरे दिन भी जारी रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
गाड़ी का वजन और नहर में पानी का तेज बहाव रेस्क्यू में बाधा बना रहा। पुलिस प्रशासन ने बोलेरो कार को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को यहां बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए ताकि ऐसे हादसे टाले जा सकें। उनका मानना है कि यदि बोलेरो में अधिक लोग सवार होते तो यह हादसा बड़ी त्रासदी में बदल सकता था।
हादसे के संभावित कारण
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि बोलेरो तेज रफ्तार में थी। चालक ने अचानक गाड़ी को मोड़ने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह पेड़ से टकराकर सीधे नहर में जा गिरी।
बड़ी गंडक नहर और सुरक्षा खतरे
बड़ी गंडक नहर इस क्षेत्र की प्रमुख नहर है, जो किसानों की सिंचाई व्यवस्था के लिए बेहद अहम मानी जाती है। लेकिन इसके किनारों पर सुरक्षा उपायों की भारी कमी है। कई स्थानों पर रेलिंग नहीं है और नहर किनारे अंधेरा भी रहता है।
स्थानीय लोगों ने बार-बार इस विषय को उठाया है कि नहर किनारे सड़कों पर स्ट्रीट लाइट, चेतावनी बोर्ड और मजबूत रेलिंग की व्यवस्था की जाए। लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
हादसों से सबक
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वाहन चलाते समय सावधानी बेहद जरूरी है। तेज रफ्तार न केवल चालक की जान को खतरे में डालती है, बल्कि सवारियों और आसपास के लोगों के लिए भी खतरनाक होती है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए, ताकि भविष्य में किसी की जान पर संकट न आए।