ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों और इंसानों का आमना-सामना अब आम बात होती जा रही है। कभी खेतों में घुसकर जंगली जानवर फसलें नुकसान पहुंचाते हैं तो कभी बस्तियों तक उनकी दहशत फैल जाती है। ऐसा ही खौफनाक वाकया महराजगंज जिले के मधवलिया रेंज, वन टांगिया कंपार्ट 24 में घटा, जहां आधी रात एक तेंदुआ घर में घुस आया और 15 वर्षीय किशोरी पर हमला कर दिया। घटना ने न केवल पूरे गांव को दहला दिया बल्कि वन विभाग की कार्यप्रणाली और ग्रामीण सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
आधी रात की खौफनाक वारदात
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की आधी रात करीब 12 बजे तेंदुआ गांव में दाखिल हुआ। वह सीधे एक घर में जा घुसा जहां परिवार के लोग सो रहे थे। अचानक शोरगुल सुनाई देने पर घरवालों ने देखा कि तेंदुआ मच्छरदानी समेत उनकी 15 वर्षीय बेटी को दबोचकर घसीट रहा है। तेंदुआ बच्ची को करीब 50 मीटर दूर तक ले गया।
इस दिल दहला देने वाले नजारे को देखकर परिवार के होश उड़ गए। मां की चीख–पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण जुट गए।
ग्रामीणों की बहादुरी से बची जान
ऐसे वक्त पर जब कोई भी अपनी जान जोखिम में डालने से कतराए, गांव के कई लोग आगे बढ़े और उन्होंने हिम्मत दिखाई। ग्रामीण रमेश पासवान, रीता देवी, चंद्रशेखर समेत कई लोगों ने मिलकर शोर मचाया, डंडे–लाठी लेकर तेंदुए को घेर लिया। उनकी साहसिक कोशिश से आखिरकार तेंदुआ बच्ची को छोड़कर भाग निकला।
गंभीर रूप से घायल किशोरी को तत्काल पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
इलाके में दहशत और भय का माहौल
यह घटना गांववालों के लिए किसी सदमे से कम नहीं। आधी रात घर के भीतर तेंदुए का घुस जाना ग्रामीणों की नींद और सुरक्षा दोनों छीन ले गया। लोग अब अपने बच्चों और बुजुर्गों को लेकर बेहद डरे हुए हैं। उनका कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। आए दिन तेंदुए और अन्य जंगली जानवर आसपास के खेतों और बस्तियों में दिखाई देते रहते हैं।
ग्रामीणों की मांग – सुरक्षा हो पुख्ता
ग्रामीणों ने इस घटना के बाद वन विभाग से ठोस कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक गांव और जंगल के बीच सुरक्षित दूरी या उचित अवरोधक व्यवस्था नहीं होगी, ऐसे हमले होते रहेंगे। ग्रामीणों ने तैनाती बढ़ाने, गश्त तेज करने और बस्ती के आसपास पिंजरे लगाने जैसी मांगें उठाई हैं।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद मीडिया से बातचीत में रेंज अधिकारी ने कहा कि घायल किशोरी के इलाज में विभागीय स्तर से हरसंभव मदद दी जाएगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि गांव में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए जाएंगे। हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि जमीन पर ठोस कार्रवाई जरूरी है।
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन और वन विभाग को चेताया है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो किसी भी दिन और बड़ी घटना हो सकती है। ग्रामीणों की सुरक्षा, जागरूकता अभियान, पुख्ता गश्त और आधुनिक निगरानी तंत्र ही ऐसे हादसों को रोक सकते हैं।
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